घरौंडा-अवैध तरीके से रेत निकालकर ट्रैक्टर-ट्रालियों में भरकर बेच रहे है महंगे दामों पर
माइनिंग विभाग के अधिकारीयों ने आंखें मुंदी
घरौंडा, प्रवीण कौशिक
गढ़ी सिकंदरपुर गांव के पास दिल्ली पैरलर नहर में अवैध खनन को लेकर माइनिंग अधिकारी कतई गंभीर नही है। आस-पास के ग्रामीण नहर से अवैध तरीके से रेत निकालकर ट्रैक्टर-ट्रालियों में भरकर महंगें दामों पर बेच रहे है। लेकिन माइनिंग विभाग के अधिकारी इस ओर से अपनी आंखें मुदें बैठे है। माइनिंग अधिकारियों का तर्क है कि हमें नहर से अवैध खनन की कोई शिकायत नही मिली है। हां, दो-तीन साल पहले कंपलेंट मिली थी और हमने शिकंजा कस दिया था। उसके बाद रेत इतना सस्ता हो गया था कि कोई चोरी करने की जहमत ही नही उठता था। फिर भी हम जांच करेंगे। एक तरफ ग्रामीण नहर से रेत निकालते जा रहे है और दूसरी तरफ खनन विभाग अतीत में खोया हुआ है। एक बार कार्रवाई करने के बाद विभाग इस तरफ झांका तक नही और नहर में अवैध माइनिंग का यह धंधा लगातार फलफूल रहा है।
पानी बंद होते ही रेत पर टूट पड़ते है ग्रामीण-
दिल्ली पैरलर नहर से अवैध तरीके से रेत निकालने का यह खेल आज से नही, पिछले कई महीनों से चल रहा है। जब भी नहर का पानी पीछे से बंद कर दिया जाता है तो ग्रामीण नहर में माइनिंग का काम शुरू कर देते है। गांव के महिला-पुरूष व बच्चें तसले व फावड़े लेकर नहर में उतरकर रेत को एकत्रित करने में जुट जाते है और जगह-जगह पर रेत के ढेर लगाते जाते है। इसके बाद इस रेत को नहर के किनारे खड़ी ट्रैक्टर-ट्राली में भरकर चार से पांच हजार रुपए प्रति ट्राली के हिसाब से बेच देते है। इतना ही नही कई ग्रामीणों ने तो रेत के बड़े-बड़े ढेर नहर के किनारे लगा रखें। इनको ऐसा करने से न तो आस-पास की ग्राम पंचायतें रोकती है और ना ही प्रशासन का कोई नुमाइंदा। जिस कारण यह अवैध धंधा जोरों पर है।
मैं एक्शन लूंगी-
इस संंबंध में जब माइनिंग विभाग की अधिकारी माधवी गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस प्रकार का इनपुट हमारी नॉलेज में नही आया है। करीब दो-तीन साल पहले अवैध माइनिंग की शिकायत हमारे पास आई थी तो हमने कार्रवाई कर दी थी। उसके बाद ऐसा कुछ सामने नही आया और रेत के दाम भी कम हो गए थे। कौन चोरी करने की जहमत उठाता। फिर हम इस मामले को लेकर मौके का मुआयना करूंगी और एक्शन लिया जाएगा।
फोटो केप्शन-दिल्ली पैरलर नहर में अवैध खनन करते ग्रामीण तथा नहर के किनारे लगाए गए रेत के ढेर