चंडीगढ़ : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसानों पर बरसे बारिश और आग के कहर पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि किसान का अनाज कहीं भी सुरक्षित नहीं है। मंडियां गेहूं से अटी पड़ी हैं। किसान सड़कों पर अपनी फसल रखने को मजबूर हैं। सरकार ने अब तक बमुश्किल 9 लाख टन गेहूं का ही उठान किया है जबकि उससे लगभग 4 गुना गेहूं बिकवाली व उठान के इंतजार में मंडी और सड़कों पर बिखरा पड़ा है। बावजूद इसके भाजपा सरकार ने ना बारदाने की व्यवस्था की, ना तिरपाल और ना ही उठान।
हुड्डा ने कहा कि मौसम के पूर्वानुमान के बावजूद सरकार ने फसल को बारिश से बचने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। इसके चलते एकबार फिर बारिश किसानों की फसल पर कहर बनकर पड़ी और उनका गेहूं जलमग्न हो गया। इतना ही नहीं, तमाम परेशानियों के बाद जिन किसानों की फसलें खरीदी हो रही है, उन्हें भी ठगी का शिकार होना पड़ रहा है। प्रदेशभर में कई इलाकों से किसानों ने शिकायत करी है कि कुछ आढ़ती और एजेंसियां उनकी फसल की तोल में गड़बड़ी कर रहे हैं। इस तरह किसानों को मोटा चूना लगाया जा रहा है।
दूसरी तरफ, खेत में तैयार खड़ी फसल पर भी बारिश और तूफान की आफत देखने को मिली। प्रदेश के लगभग हर जिले में फसल को भारी नुकसान हुआ है। कई जगहों पर तूफान के चलते आग लगने की भी घटनाएं हुईं। किसानों की सैकड़ों एकड़ जमीन पर खड़ी फसल आग की शिकार हो गई। हुड्डा ने कहा कि तमाम घटनाओं का संज्ञान लेते हुए सरकार को किसानों के नुकसान की भरपाई करनी चाहिए। इस नुकसान की बड़ी वजह खुद सरकार भी है। अगर वो समय रहते खरीद और उठान करती तो किसानों की लाखों टन फसल प्राकृतिक आपदा से बच सकती थी। लेकिन हमेशा की तरह किसानों के प्रति भाजपा का रवैया उदासीन ही नजर आया। इसका खमियाजा प्रदेश भर के किसानों को भुगतना पड़ रहा है।