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गली-गली में खुले अवैध एजेंटों के कार्यालय, सरकार के पास नहीं कोई आंकड़ा: कुमारी सैलजा

चंडीगढ़ : पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने कुछ सवालों के बारे में विदेश मंत्रालय भारत सरकार द्वारा दिए गए जवाब पर हैरानी व्यक्त करते हुए कहा कि हर शहर में गली-गली में अवैध ट्रेवल एजेंटों की भरमार है और मंत्रालय कह रहा है कि फरवरी 2025 तक  हरियाणा राज्य सहित देश भर में कुल 3,281 अवैध एजेंटों को ई-माइग्रेट पोर्टल पर अधिसूचित किया गया है। एक ओर युवा रोजगार के लिए भटक रहा है और विदेश जाने की चाहत रखता है परंतु अवैध एजेंटों के हाथों ठगी का शिकार हो रहा है। 50-50 लाख खर्च करके युवा डंकी रूट से नौकरी के लिए विदेश जा रहा है जहां पर उन्हें अपराधियों की भांति हथकड़ी लगाकर डिपोर्ट किया जा रहा है, देश के लिए यह सबसे ज्यादा शर्मनाक है। सरकार को इस बारे में सही आंकडा जुटाकर अवैध एजेंटों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि अवैध ट्रेवल एजेंट्स के बारे में विदेश मंत्रालय से जानकारी चाही थी कि भारत में ऐसे ट्रैवल एजेंटों की सटीक संख्या कितनी है जो विदेश में नौकरी के झूठे वादे करके युवाओं को भेजते हैं। कुमारी सैलजा ने कहा कि कुछ ट्रैवल एजेंट विदेश में नौकरी के झूठे वादे करके युवाओं को ठगते हैं, जिससे उन्हें भारी आर्थिक और भावनात्मक नुकसान होता है।  कई युवा विदेश में नौकरी के लिए जाते हैं, लेकिन उन्हें वहां खराब स्थिति और शोषण का सामना करना पड़ता है। मंत्रालय की ओर से जवाब दिया गया है कि ई-माइग्रेट पोर्टल, सोशल मीडिया हैंडल और प्रचार के अन्य तरीकों के माध्यम से फर्जी नौकरी रैकेट के खतरों और उन्हें रोकने के तरीकों के बारे में सलाह जारी करता है। फरवरी 2025 तक, हरियाणा राज्य सहित देश भर में कुल 3,281 अवैध एजेंटों को ई-माइग्रेट पोर्टल पर अधिसूचित किया गया है।

मंत्रालय द्वारा ई-माइग्रेट पोर्टल के माध्यम से सुरक्षित और कानूनी प्रवास पर जागरूकता अभियान हरियाणा सहित पूरे देश में कार्यशालाओं, प्रशिक्षणों, सूचना सत्रों, मीडिया समूहों, पुलिस अधिकारियों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों, स्थानीय प्रशासन, इच्छुक भर्ती एजेंटों, उद्यमियों और आम जनता के लिए डिजिटल अभियान चलाकर चलाया गया है। मंत्रालय विदेशी रोजगार के क्षेत्र में अवैध एजेंसियों के मुद्दों और उत्प्रवास विनियमों के प्रवर्तन से संबंधित चुनौतियों का समाधान करने के तरीकों के बारे में हरियाणा सहित राज्य सरकारों के साथ नियमित रूप से समन्वय करता है। विदेश संपर्क कार्यक्रम समय-समय पर राज्य सरकारों के सहयोग से आयोजित किया जाता है। मंत्रालय नियमित रूप से विभिन्न हितधारकों को सुरक्षित और कानूनी प्रवास के लाभों के बारे में जागरूक करने के लिए आउटरीच कार्यक्रम आयोजित करता है और फर्जी/अपंजीकृत भर्ती एजेंसियों के माध्यम से अवैध प्रवास को रोकने के तरीके सुझाता है। अपंजीकृत भर्ती एजेंसियों पर नियमित सूचना साझा करने के अलावा, राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी के साथ नियमित बैठकें आयोजित की जाती हैं। मंत्रालय द्वारा नियमित कार्यशालाएँ और प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाते हैं।

मंत्रालय का जवाब हैरानी जनक- सैलजा

कुमारी सैलजा ने कहा कि मंत्रालय की ओर से दिया गया जवाब हैरानी जनक है, यही कहा जा सकता है कि मंत्रालय के पास अवैध ट्रेवल एजेंट का सही आंकडा नहीं है क्योंकि भारत में 2020 में 250,000 से अधिक छोटे आकार के ट्रैवल एजेंट थे 2020 में भारतीय ट्रैवल एजेंट बाजार का आकार लगभग 38 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जो 2027 तक 67 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक होने का अनुमान है। 2020 की अपेक्षा अवैध ट्रेवल एजेंट की संख्या कम होने के बजाए बड़ी है, मंत्रालय ने जो जवाब में आंकडा दिया है उतने तो केवल पंजाब में मिल सकते है।

बंधुआ मजदूर की तरह करते थे काम- सैलजा

कुमारी सैलजा ने कहा कि अगर केंद्र और प्रदेश सरकारों ने अवैैध ट्रेवल एजेंट को लेकर सख्त कदम उठाए तो लाखों परिवार बरबाद होने से बच सकते थे। विदेश जाकर अच्छी कमाई के लालच में युवा इन एजेंट के चंगुल में फंस जाते है, युवा घर, जमीन, दुकान बेचकर डंकी रास्ते से जाते थे जहां पर उन्हें नौकरी तो मिलती नहीं बल्कि बंधुआ मजदूर की तरह से काम करना पड़ता था, जहां पर उनका शारीरिक, मानसिक और आर्थिक शोषण किया जाता है। कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकारें आग लगने पर ही कुएं की खोदाई शुरू करती है अगर यह काम पहले ही कर लिया होता आग पर जल्दी काबू पा लिया होता। मंत्रालय को एक बार फिर से सही आंकडे जुटाकर अवैध ट्रेवल एजेंट्स पर कार्रवाई करना चाहिए।

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