1990 मे कश्मीर में आतंकवाद का दर्द और विस्थापन का दर्द झेल रहे कश्मीरी पंडित समुदाय आज भी इस आस के साथ जी रहा है कि वह दिन जरूर आएगा कि जब हम कश्मीर वापस जाएंगे. कश्मीरी पंडितों को कश्मीर से विस्थापित हुए तकरीबन 35 साल से ज्यादा का वक्त हुआ है, लेकिन आज भी एक ही उम्मीद है. आज भी एक ही सवाल उनके दिल में है कि आखिरकार हमारी वापसी कब होगी?
वहीं, जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कश्मीरी पंडितों को लेकर एक बयान दिया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कश्मीरी पंडितों की वापसी को सुविधाजनक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों को कश्मीर वापस लाने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है और उनकी वापसी के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए लगातार काम कर रही है.
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कश्मीरी पंडितों को वापस लौटने का हो सामूहिक प्रयास
एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि जब कश्मीर लौटने की बात आती है, तो मेरा मानना है कि यह एक सामूहिक प्रयास होना चाहिए. केंद्र सरकार चाहती है कि आप वापस लौटें और हम इसके लिए लगातार बेहतर माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
TV9 भारतवर्ष ने कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों से बात की. यह वह लोग हैं, जो जम्मू के अलग-अलग इलाकों में रह रहे हैं और विस्थापन का दर्द झेल रहे हैं.
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मनोज सिन्हा के बयान पर विस्थापित पंडितों ने कही ये बात
कश्मीरी पंडित विस्थापितो की कॉलोनी में जब हमने इनसे बात की तो इनका कहना है कि हम उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के इस बयान का स्वागत करते हैं, लेकिन हम यह चाहते हैं कि सिर्फ बयान ही ना रहे. हम आज भी कल भी और आने वाले कल में भी एक ही मांग करते आए हैं कि हम चाहते हैं कि सरकार एक रोड मैप बनाएं ताकि जल्द से जल्द हमारे घर वापसी मुमकिन हो सके.
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