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Hindu temples of India-भारत की जनता गरीब ,मंदिर अमीर

भारत के अमीर हिन्दू मंदिर जो कई राज्यों की जीडीपी से भी ज्यादा संपत्ती रखते हैं।

नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गेनाइजेशन (NSSO) के मुताबिक भारत में ‘टेंपल इकोनॉमी’ 3.02 लाख करोड़ (40 बिलियन डॉलर) की है।

अमीर मंदिर, अडानी-अंबानी मिलकर भी नहीं कर सकते इनका मुकाबला

भारत के कुछ ऐसे भी मंदिर जिनकी आमदनी लाखो-करोड़ों में नहीं बल्कि अरबों में हैं।

भारत के मंदिर, जहां है हजारों  करोड़ का खजाना !

दिल्ली /राजकुमार अग्रवाल /अटल हिन्द

मंदिर  जिनकी शुरुआत भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में आश्रय स्थल के रूप में हुई थी गाँव वासी इन्हे ग्रामीण सीमा से बाहर इसलिए बनाते थे की देर -सवेर  गुजरने वाले राहगीर वहां रुक कर विश्राम कर सकें। इन आज के व्यापारिक स्थल और उस प्राचीन समय के आश्रय स्थल की देखरेख के लिए ग्रामीण गांव के ही किसी व्यक्ति को रखते थे ताकि राहगीर रात्रि विश्राम कर सके और उसे भोजन पानी मिल सके ताकि वह भूखा ना रहे और अगली सुबह राहगीर अपने गंतव्य स्थान के लिए प्रस्थान कर सके। पुरानी फिल्मों और ग्रंथों में इनका आश्रय स्थल के रूप में चित्रण दर्शाया गया है लेकिन बदले समय में कथित पुजारियों ने अपनी यूनियन बना कर इन पर कब्जा कर लिया और इन्हे आश्रय स्थल की बजाय कमाई का धंधा बना लिया अगर भारत सरकार को मिल जाए इन मंदिरों का खजाना, अमेरिका, चीन तो क्या घुटने टेक देगा पूरा जमाना

आज के दौर की बात करें तो नेता, अभिनेता से लेकर हर खासो आम मंदिरों में जाकर मथ्था टेकता है. आज के दौर का यह नया फैशन स्टेटमेंट सा बन गया है.  आज के समय मूर्ति एक छोटे से कमरे में और कथित पुजारी आलीशान आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित कमरों में मौज कर रहे है। और इन पर कब्जा जमाये बैठे है और खुद को धर्म के ठेकेदार बता कर आम जनता को साम्प्रदायिकता की चपेट में ले लिया जिसके चलतेआपको याद होगा की धार्मिक स्थलों को लेकर देश में कुछ हिंदी फिल्म भी बनी जिनमे आज के धार्मिक स्थलों की सच्चाई ब्यान की गई है बेशक हमने ओ माय गॉड और पीके (Oh My God and PK Hindi Movie)जैसी फिल्मों को एक मनोरंजन के तौर पर देखा लेकिन अगर ठंडे दिमाग से सोचा जाए और और इन फिल्मों को कहानी पर गौर किया जाए तो बहुत कुछ सीखने को मिलता है। आप और हम जब किसी भी हिन्दू धार्मिक स्थल पर जाते है तो वहां जो कथित पुजारी बैठे होते है उनका बर्ताव गुंडों मवालियों से कम नहीं होता।

हमारी धार्मिक आस्था का फायदा उठाते ये कथित पुजारी कई किलोमीटर लंबी लाइन में लगे श्रधालुओं की भावनाओं से खिलवाड़ करते नजर आ जाएंगे जिसकी जीतनी भारी जेब उसे उतना प्रशाद और ऐशो आराम और जिन गरीब श्रधालुओं की जेब में छेद होता है उन्हें मंदिर के बाहर से ही धक्के मार कर बाहर निकाल दिया जाता है ?भारत का एक मंदिर मीनाक्षी मंदिर, मदुरै आज का व्यापरिक स्थल तो ऐसा भी है जिसमे 33000 मूर्तिया लगाई हुई है अगर एक आदमी एक मूर्ति पर एक -एक रुपया भी रखता है तो हिसाब लगा लीजिये कितने लोग दर्शन करने आते है और अपनी जेब खाली करके जाते होंगे और मीनाक्षी मंदिर, मदुरै के कथित पुजारियों को मौज मस्ती अकूत सम्पति इकठा होती होगी।

भारत  के प्रसिद्ध मंदिर (Hindu temples of India)और उनकी वार्षिक आय हमारे देश में कुछ ऐसे भी मंदिर है जिनकी आमदनी लाखों-करोड़ों में नहीं बल्कि अरबों में हैं। इतना ही नहीं ये मंदिर लाखों की संख्या में रोजगार भी उपलब्ध कराते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि देश के 10 सबसे अमीर मंदिरों के बारे में जो कई छोटे-छोटे देशों और भारत के ही कई राज्यों की जीडीपी से ज्यादा की संपत्ति रखते हैं। एक अनुमान के मुताबिक देशभर में 500,000 से अधिक मंदिर हैं। देश में कई ऐसे मंदिर हैं जहां हर साल करोड़ों का चढ़ावा आता है। लोग मंदिरों में जाकर मन्नत मांगते हैं और इसके पूरी होने पर अपनी हैसियत के मुताबिक मंदिरों में रुपये, सोना और चांदी आदि दान करते हैं।

 

 

 

भारत में मंदिर (Indian Temples)अब आश्रय स्थल की बजाय पूजा, आध्यात्मिक अभ्यास और सामुदायिक समारोहों के केंद्र के रूप में कार्य करने लगे है । प्रारंभ में, उन्हें सरल संरचनाओं के रूप में बनाया गया था और बाद में वे अधिक विस्तृत और जटिल वास्तुशिल्प चमत्कारों में विकसित हुए। मंदिरों को राजाओं, शासकों और धनी व्यक्तियों द्वारा संरक्षण दिया जाता था जो उनके निर्माण को प्रायोजित करते थे और मंदिर समुदायों का समर्थन करते थे। क्षेत्रीय और राजवंशीय शैलियाँ प्राचीन भारत के मंदिरों के डिज़ाइन को प्रभावित करती हैं।
NSSO के मुताबिक देश में ‘टेंपल इकोनॉमी’ 3.02 लाख करोड़ रुपए (40 बिलियन डॉलर) की है।
आज के समय सबसे अमीर मंदिर, अडानी-अंबानी मिलकर भी नहीं कर सकते इनका मुकाबला देश के  अमीर मंदिरों के बारे में जो कई छोटे-छोटे देशों और भारत के ही कई राज्यों की जीडीपी से ज्यादा की संपत्ति रखते हैं।

 

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और गृह मंत्री अमित शाह ने अप्रेल 2023 में गुजरात में देश भर के धर्म गुरुओं से मुलाकात की. इस इवेंट में हिन्दु धर्म और उनके राइट्स को लेकर कई तरह के मुद्दे उठाए गए. इनमें से एक मुद्दा था सरकार को मंदिरों के मैनेजमेंट के दखल से बाहर आ जाना चाहिए. लेकिन क्या आपको पता है कि देश के टॉप अमीर मंदिरों के पास जो खजाना पड़ा हुआ है उससे भारत तो क्या अमेरिका, चीन जैसे देशों का कर्ज कम हो सकता है.

 

 

भारत में एक से एक अमीर लोग तो रहते ही हैं लेकिन भारत के मंदिर कितने अमीर हैं ये शायद आप सपने में भी न सोच पाएं. भारत के मंदिरों में सालभर में जितना दान जमा होता है उससे किसी भी एक देश का वार्षिक बजट बन सकता है. भारत के प्रमुख मंदिरों में भक्तों द्वारा हर वर्ष करोड़ों रुपये का दान दिया जाता है। हालांकि वर्ष 2024 के सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं लेकिन मीडिया सोर्सिस के अनुसार, भारत के कुछ सबसे अमीर मंदिरों की वार्षिक आय क्या है जान लें मंदिरों (पुराने समय के आश्रय स्थल )के बारे में यह जानकारी मीडिया रिपोर्टों पर आधारित है।

अमेरिका, चीन, पाकिस्तान पर कर्ज

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अभी तक आपने मंदिरों की कमाई और उनके इनकम का जरिया देखा. अब आपको बताते हैं कि अमेरिका, चीन समेत कई बड़े देशों की इकोनॉमी पर कर्ज का जाल ऐसा फैला है कि अगर समय रहते इनसे नहीं निपटा गया तो पूरी दुनिया में कोहराम मच सकता है. अकेले अमेरिका की बात करें तो केवल दो साल में अमेरिका पर कुल कर्ज 8.2 लाख करोड़ डॉलर बढ़ चुका है. वहीं चीन की बात करें तो इनपर करीब 385 बिलियन डॉलर का कर्ज है जो जीडीपी के 5.8 फीसदी के बराबर है. पाकिस्तान की बात करें तो यहां के हालात किसी से छुपे नहीं हैं. पाकिस्तान को तो अब नया कर्ज मिल भी नही पा रहा है. अगर इन टॉप अमीर मंदिरों के खजाने और कमाई को जोड़ दिया जाए तो इससे कई देशों का कर्ज उतारा जा सकता है.

1-तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर(Tirupati Venkateswara Temple)

अवध विवि के प्रो विनोद श्रीवास्तव ने बताया कि वार्षिक आय के मामले में आंध्र प्रदेश का तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर सबसे आगे है। इस मंदिर की सालाना आय 1600 करोड़ है। दान के अलावा भी यहां आय के अन्य स्रोत हैं। भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर अपने चमत्कारों और रहस्यों के लिए प्रसिद्ध है। यहां हर साल 650 करोड़ के करीब दान आता है। मंदिर ट्रस्ट के पास 9 टन सोने के भंडार और 14 हजार करोड़ के फिक्स्ड डिपॉजिट हैं। तिरुपति मंदिर में बालों की बिक्री के कमाई होती है. मंदिर को 600 करोड़ रुपये की कमाई सिर्फ प्रसाद से होने का अनुमान है. वहीं भगवान के दर्शन टिकट से 338 करोड़ रुपये तो चढ़ावे से 1611 करोड़ रुपये मिलने की संभावना है. तिरुपति बालाजी मंदिर ट्रस्ट के पास  11,329 किलो सोना है, इसकी कीमत 8,496 करोड़ रुपये से अधिक है. इसके अलावा मंदिर परिसर में दुकानों, व्यवसायों , जमीन, कृषि आदि से भी मंदिर की कमाई होती है.

 

 

 

 

2- श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर (Sri Padmanabhaswamy Temple)

केरल राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर देश में सर्वाधिक संपत्ति वाला मंदिर है। एक रिपोर्ट के अनुसार, मंदिर की 6 तिजोरियों में 20 अरब डॉलर की संपत्ति है। इतना ही नहीं, मंदिर के गर्भग्रह में भगवान विष्णु की सोने की मूर्ति विराजी है, जिसकी कीमत 500 करोड़ रुपए बताई जाती है। मंदिर के खजाने में हीरे और सोने के जेवर और मूर्तियां भी शामिल हैं। श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर (Sri Padmanabhaswamy Temple) तिरुवनंतपुरम शहर के मध्य में स्थित है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और इसका प्रबंधन त्रावणकोर के पूर्व शाही परिवार द्वारा किया जाता है। इसे द्रविड़ शैली में अद्भुत ढंग से डिजाइन किया गया है। इस मंदिर का मुख्य आकर्षण पद्मनाभस्वामी की मूर्ति है। आप भगवान विष्णु को दिव्य नाग अनंत पर लेटी हुई स्थिति में पा सकते हैं। शहर का नाम इसी तीर्थ स्थल के नाम पर पड़ा है। मंदिर की कुल संपत्ति लगभग 90,000 करोड़ रुपये है जिसमें सोना, सोने की मूर्तियां, प्राचीन चांदी, पन्ना, हीरे और पीतल शामिल हैं। इस संग्रह में दो सुनहरे नारियल के गोले भी शामिल हैं जो कीमती पत्थरों से जुड़े हुए हैं।ये मंदिर वर्ष 2011 से तब चर्चा में आया जब इसके 6 दरवाजों को खोला गया और इन दरवाजों से बेसुमार मात्रा में सोने हीरे और बहुमूल्य जवाहरात मिले जिनकी कीमत लगभग 20 अरब डॉलर आंकी गई है. इस मंदिर के 7 वें दरवाजे को खोलने की अनुमति सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नहीं दी गई है जिसमें अनुमान है कि सबसे अधिक खजाना भरा है। इस मंदिर की देखरेख त्रावणकोर राजपरिवार द्वारा किया जाता है। रिपोर्ट के अनुसार यहां सालाना 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा का चढ़ावा आता है। साल 2023 में मंदिर की कुल संपत्ति 1,20,000 करोड़ रुपए बताई गई थी।

3-स्वर्ण मंदिर, पंजाब( Golden Temple)

पंजाब के अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर को दरबार साहिब भी कहते हैं। इस मंदिर में सोने की मूर्तियां, सोना, पन्ना, प्राचीन चांदी, हीरे और पीतल की कीमती वस्तुएं हैं। मंदिर का गुंबद 24 कैरेट सोने से बना है।मंदिर को बनाने में करीब 400 किलो सोने का इस्तेमाल किया गया है मंदिर की सालाना आय 500 करोड़ के करीब है। यह सिख पंथ का प्रमुख धर्म स्थल है। यहां रोजाना 50 हजार से एक लाख श्रद्धालु मुफ्त भोजन (लंगर) करते हैं। लंगर में 7000 क्विंटल गेहूं, 1300 किलो दाल, 1200 किलो चावल और 500 किलो मक्खन उपयोग होता है।

4-वैष्णो देवी मंदिर(Vaishno Devi Temple)

जम्मू कश्मीरजम्मू-कश्मीर के कटरा में वैष्णो देवी का प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु देवी दर्शन के लिए देश-दुनिया से आते हैं। मन्नतें पूरी होने पर वह दिल खोलकर दान भी करते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वैष्णो देवी मंदिर की वार्षिक आय 500 करोड़ के करीब है। जम्मू की अर्थव्यवस्था में वैष्णो देवी के भक्तों का अहम योगदान है। मंदिर में महाकाली, महासरस्वती और महालक्ष्मी गुफा में विराजी हैं। मंदिर को पिछले दो दशक में ही 18 सौ किलो सोना, 47 सौ किलो चांदी और 2 हजार करोड़ रुपये कैश दान में मिल चुके हैं

 

 

 

5-शिरडी साईं मंदिर, महाराष्ट्र(Shirdi Sai Temple, Maharashtra)
महाराष्ट्र के अहमदनगर में साईं बाबा का प्रसिद्ध मंदिर है। जो शिरडी के साईं मंदिर के नाम से भी मशहूर है। इस मंदिर की सालाना आय 400 करोड़ रुपए है। यह देश का तीसरा सबसे अमीर मंदिर है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिरडी साईं मंदिर के बैंक अकाउंट में 380 किलो सोना, 4 हजार किलो चांदी, विभिन्न देशों की मुद्राएं समेत बड़ी मात्रा में धन जमा हैं। मंदिर के खाते में 1,800 करोड़ रुपए कैश भी जमा है। साई बाबा की मूर्ति के लिए 94 किलो सोने का सिंहासन बना हुआ है। सिर्फ 2022 में भक्तों ने मंदिर को 400 करोड़ रुपये से ज्यादा का दान दिया था

6-अयोध्या राम मंदिर(Ram Mandir)

अयोध्या राम मंदिर में प्रतिदिन हजारों भक्त रामलला के दर्शन के लिए आते हैं। इस दौरान वह दिल खोलकर दान भी करते हैं। गत वर्ष में रामलला को विभिन्न माध्यमों से 363 करोड़ का दान मिला। ब्याज मिलाकर श्री राम मंदिर की सालाना आय 400 करोड़ तक पहुंच गई। जो कि वैष्णो देवी, शिरडी साई मंदिर और स्वर्ण मंदिर की सालाना आय के बराबर है।

7-जगन्नाथ मंदिर, पुरी,(Jagannath Temple, Puri,)

उड़ीसाउड़ीसा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर देश का प्रमुख तीर्थ स्थल है। 11वीं शताब्दी में स्थापित यह मंदिर चार धाम यात्रा का हिस्सा है। मंदिर ट्रस्ट के पास 30 हजार एकड़ जमीन है। जबकि, मंदिर की वार्षिक आय 240 करोड़ के आसपास है। जगन्नाथ मंदिर में एक रत्न भंडार है। जहां भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के बेश कीमती आभूषण और दुर्लभ रत्न रखे हुए हैं। यह रत्नभंडार जुलाई 2024 में 46 साल खोला गया था। मंदिर प्रबंधन ने जौहरी को बुलाकर रत्नों की कीमत आंकने को कहा, लेकिन अंदाजा नहीं लगा सके।जगन्नाथ मंदिर की  नेटवर्थ 150 करोड़ रुपये बताई जाती है। रथ यात्रा के लिए मशहूर यह मंदिर 30 हजार एकड़ से ज्यादा जमीन पर बनी हुई है

 

 

 

 

 

8-सिद्धिविनायक मंदिर,(Siddhivinayak Temple,)

महाराष्ट्र के मुंबई में स्थित सिद्धिविनायक मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है। प्रभादेवी मोहल्ले में स्थित इस मंदिर की वार्षिक आय 150 करोड़ के करीब है। यहां हर साल लाखों भक्त दर्शन के लिए आते हैं। जो बड़ी मात्रा में चढ़ावा भी चढाते हैं। सिद्धिविनायक मंदिर में हर साल करीब 125 करोड़ का दान आता है। महाराष्ट्र राज्य में स्थित, सिद्धिविनायक मंदिर (Siddhivinayak Temple) एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जिसमें भगवान गणेश की पवित्र मूर्ति स्थित है। इस मंदिर में 1900 के दशक की शुरुआत से ही तीर्थ यात्री और पर्यटक आते रहे हैं। कभी ईंटों से बनी एक छोटी सी संरचना आज मुंबई का सबसे अमीर मंदिर है और कई भक्तों के करीब है। हालांकि, जब तक आप समय पर और विशेष रूप से सही दिन पर वहां नहीं पहुंच जाते, अन्यथा आप घंटों तक लाइन में फंसे रह सकते हैं। इसकी शानदार वास्तुकला और भीतर तीर्थयात्रियों का प्रबंधन देखने लायक है। गणपति के इस मंदिर की नेटवर्थ 125 करोड़ रुपये बताई जाती है। इस मंदिर को रोजाना 30 लाख रुपये की कमाई होती है

9-मीनाक्षी मंदिर, मदुरै(Meenakshi Temple, Madurai)

यह भारत के उन चुनिंदा मंदिरों में से एक है जहां प्रतिदिन लगभग 20 से 30 हजार श्रद्धालु आते हैं। मंदिर को सालाना लगभग 60 मिलियन का राजस्व मिलता है। इसके परिसर में लगभग 33,000 मूर्तियां स्थापित हैं। मंदिर की मुख्य देवी सुंदरेश्वर (भगवान शिव) की पत्नी देवी मीनाक्षी हैं। मंदिर में 14 गोपुरम हैं जिनकी ऊंचाई 45 से 50 मीटर के बीच है। मंदिर में दो स्वर्ण गाड़ियाँ भी हैं, जो इस प्रसिद्ध हिंदू तीर्थस्थल की भव्यता को बढ़ाती हैं और इसे भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक बनाती हैं।

10-सोमनाथ मंदिर, गुजरात(Somnath Temple, Gujarat)
इस मंदिर की अपार संपत्ति और महिमा इतनी अधिक थी कि इसके प्रचुर सोने और चांदी के संग्रह के कारण इसे गजनी के तुर्क शासक महमूद द्वारा 17 बार लूटा और नष्ट किया गया। मंदिर में अभी भी पर्याप्त बेशकीमती संपत्ति है जिसके कारण इसे भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक कहा जाता है। इसमें विशिष्ट वास्तुशिल्प योजना है और इसका अत्यधिक धार्मिक महत्व है। परिष्कृत पद्धतिगत निर्माण की भागीदारी के साथ, यह तटीय मंदिर एक लोकप्रिय धार्मिक स्थल और पर्यटकों के लिए आनंददायक स्थान बन गया है।मंदिर को आजादी के बाद नए सिरे से तैयार किया गया है। इसे बनाने में इंटीरियर में 130 किलो सोना और शिखर में 150 किलो सोना का इस्तेमाल हुआ है। यह मंदिर 1700 एकड़ जमीन पर बना हुआ है

 

 

 

 

11-सबरीमाला अयप्पा मंदिर, केरल(Sabarimala Ayyappa Temple)
भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक इस मंदिर में हर साल लगभग 100 मिलियन श्रद्धालु आते हैं। यहां आने वाले भक्तों की संख्या के हिसाब से सबरीमाला मंदिर (sabarimala mandir) को इस सूची में सबसे ऊपर माना जाता है। यह मंदिर मुख्य समुद्र तल से 4,133 फीट की ऊंचाई पर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है, और पहाड़ों और घने जंगलों से घिरा हुआ है। इस मंदिर के बारे में अजीब तथ्य यह है कि इस मंदिर में केवल पुरुष ही प्रवेश कर सकते हैं।

 

12-स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर, दिल्ली(Akshardham Temple)
अक्षरधाम मंदिर (Swaminarayan Akshardham Temple,)न केवल भक्तों के लिए एक लोकप्रिय धार्मिक स्थान है, बल्कि वास्तुकला प्रेमियों के लिए भी एक अद्भुत दृश्य है। यह दिल्ली पर्यटन के सबसे मनोरम तत्वों में से एक बन गया है। यह अद्भुत हिंदू तीर्थस्थल हर साल बड़ी संख्या में आगंतुकों को आकर्षित करता है। इस मंदिर में स्थित स्वामीनारायण की मूर्ति सोने से बनी है जबकि गुरुओं की मूर्ति पत्ते से ढकी हुई है। इस मंदिर के पास दुनिया का सबसे बड़ा व्यापक हिंदू मंदिर होने का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड है।

13-काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी(Kashi Vishwanath Temple)
काशी विश्वनाथ मंदिर (kashi vishwanath mandir) भारत के सबसे प्रतिष्ठित धार्मिक स्थलों में से एक है जिसने अतीत में कई बार लूटे जाने और ध्वस्त होने के बावजूद अभी भी अपनी महिमा बरकरार रखी है। ऐसा अनुमान है कि हर साल 30 लाख से अधिक घरेलू और 2 लाख से अधिक विदेशी पर्यटक इस मंदिर को देखने आते हैं।

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