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खेल को केवल करियर ही नहीं बल्कि जीवन शैली बनाने की दिशा में कर रहे कार्य- सीएम सैनी

चंडीगढ: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि राज्य सरकार खेल को केवल एक करियर ही नहीं, बल्कि जीवन शैली बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। प्रदेश में स्कूल स्तर से ही खेलों को अनिवार्य किया जा रहा है, ताकि बचपन से ही शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का संतुलन बना रहे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर खिलाड़ी को 20 लाख रुपये का मेडिकल बीमा कवर देने का संकल्प लिया गया है। नायब सिंह सैनी रोहतक जिला के गांव किलोई स्थित शिव कुमार मेमोरियल स्टेडियम परिसर में तीसरी अखिल भारतीय शिव कुमार स्मृति बास्केटबॉल प्रतियोगिता का बतौर मुख्यातिथि विधिवत शुभारंभ करने उपरांत उपस्थितगण को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने शिव कुमार स्मृति स्टेडियम के कार्यों के लिए 21 लाख रुपए की धनराशि, गांव में शीघ्र महिला चौपाल का निर्माण तथा गांव की विभिन्न मांगों को शीघ्र पूर्ण करवाने की भी घोषणा की। उन्होंने स्वर्गीय शिव कुमार के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए कहा कि उनकी स्मृति हमें देश के लिए बेहतर करने की प्रेरणा देती रहेगी। यह उनकी सोच का प्रतीक है, जो खेल के माध्यम से समाज को एकजुट और सशक्त बनाना चाहती थी।

खिलाडिय़ों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए बनाई नीति- सीएम

सीएम सैनी ने कहा कि खेलों को बढ़ावा देने व खिलाडिय़ों के लिए सुरक्षित रोजगार सुनिश्चित करने के लिए ‘हरियाणा उत्कृष्ट खिलाड़ी सेवा नियम 2021’ बनाये गए हैं। इसके तहत खेल विभाग में 550 नए पद बनाये गये। इसके अलावा, 224 खिलाडिय़ों को सरकारी नौकरी दी है। खिलाडिय़ों के लिए क्लास-वन से क्लास-थ्री तक के पदों की सीधी भर्ती में आरक्षण का प्रावधान किया गया है। हरियाणा देश का पहला राज्य है, जो पदक जीतने वाले खिलाडिय़ों को सबसे अधिक नकद पुरस्कार देता है। प्रदेश में अब तक खिलाडिय़ों को 593 करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार दिए हैं। इसके अतिरिक्त उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 298 खिलाडिय़ों को मानदेय भी दिया जा रहा है।

बचपन तराशने के लिए 1489 खेल नर्सरियां संचालित- सीएम

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले तथा पदक जीतने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। वर्ष 2014 से अब तक 29 हजार से अधिक छात्रों को 53 करोड़ 45 लाख रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की गई है। खेल विभाग द्वारा  15 हजार 634 खिलाडिय़ों को उपकरण प्रदान किये जा चुके हैं। खिलाडिय़ों को बचपन से ही तराशने के लिए 1,489 खेल नर्सरियां संचालित की जा रही है, जिनमें 37 हजार 225 खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं। इन नर्सरियों में नामांकित 8 से 14 वर्ष की आयु के खिलाडिय़ों को 1500 रुपये तथा 15 से 19 वर्ष की आयु के खिलाडिय़ों को 2000 रुपये प्रति माह दिये जाते हैं।

खेलों से स्वस्थ समाज की नींव मिलती है- सीएम

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि बास्केटबॉल एक ऐसा खेल है, जो केवल शारीरिक क्षमता की परीक्षा नहीं लेता, बल्कि इसमें टीम वर्क, अनुशासन, रणनीति और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता का भी परीक्षण होता है। यह युवाओं में एकजुटता, समर्पण और अनुशासन का विकास करता है। ऐसे खेलों से ही हम एक स्वस्थ, सक्रिय और जागरूक समाज की नींव रखते हैं। ऐसे अखिल भारतीय टूर्नामेंट का आयोजन हरियाणा के लिए गौरव का विषय है। यह न केवल राज्य के खेल जगत में एक नया मुकाम स्थापित कर रहा है, बल्कि इससे किलोई जैसे गांवों को भी राष्ट्रीय पटल पर पहचान मिल रही है।

स्व. शिव कुमार के समर्पण से यह खेल प्रतियोगिता

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि यह टूर्नामेंट केवल एक खेल प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि यह स्वर्गीय शिव कुमार के समर्पण, अनुशासन और सेवा भावना की जीवंत स्मृति है। उन्होंने अपने जीवनकाल में खेलों और समाज सेवा को महत्व दिया। इस प्रतियोगिता के माध्यम से  उनके इन विचारों को जीवित रखा गया है। उनका जीवन हम सभी के लिए एक प्रेरणा है। हरियाणा की धरती शुरू से ही वीरों, खिलाडिय़ों और मेहनतकश किसानों की भूमि रही है। यहां के गांव-गांव से खेल प्रतिभाएं निकलती रही हैं, जिन्होंने न केवल देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन किया है। चाहे वह कुश्ती हो, बॉक्सिंग हो, हॉकी हो या फिर बास्केटबॉल, हरियाणा के बेटों और बेटियों ने हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।

खेल प्रतियोगिताओं से सामाजिक समरसता व आपसी भाईचारे की भावना होती है प्रबल

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं सामाजिक समरसता और आपसी भाईचारे को भी प्रोत्साहन देती हैं। जब विभिन्न राज्यों और संस्कृतियों के खिलाड़ी एक साथ मैदान में उतरते हैं, तो वह केवल प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि राष्ट्र एकता का प्रदर्शन होता है। उन्होंने प्रतियोगिता के आयोजकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस प्रकार के सफल आयोजन ने इसे एक सामाजिक संदेशवाहक कार्यक्रम बना दिया। आज के आयोजन में न केवल खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं, बल्कि स्थानीय जन, सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षाविद, और अनेक गणमान्य नागरिकों की भी सहभागिता हैं। इससे यह साबित होता है कि खेल समाज को जोड़ने का काम करते हैं। राज्य सरकार ऐसी प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए पूर्ण सहयोग व प्रोत्साहन देती रहेगी।

मुख्यमंत्री को महिलाओं ने भेंट किया 101 कलशों में एकत्रित किया गया दूध

कार्यक्रम में पहुंचने पर गांव की मातृशक्ति ने मुख्यमंत्री को दूध से भरी बाल्टी प्रदान की, जिस पर मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि मेरी माताओं ने दूध से स्वागत कर मुझे ताकत देने का काम किया है। यह हमारी समृद्ध संस्कृति को दिखाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह मां ही होती है, जो अपने बच्चों की चिंता करती है। उन्होंने दोनों हाथ जोडक़र माताओं को नमन किया। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा, खरखौदा के विधायक पवन खरखौदा,मेयर राम अवतार वाल्मीकि, प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, पूर्व सहकारिता मंत्री मनीष कुमार ग्रोवर, पूर्व मंत्री कृष्ण मूर्ति हुड्डा सहित अन्य गणमान्य नागरिक व बड़ी संख्या में खिलाड़ी मौजूद रहे।

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