अमेरिका से अवैध भारतीय बेड़ियों में जकड़कर अब नहीं आएंगे भारत !
नई दिल्ली. (अटल हिन्द/एजेंसी )
अमेरिका से अवैध भारतीय प्रवासियों को जब पहली बार स्वदेश लाया गया, तो उनके हाथ-पैर में लगे बेड़ियों के मामले ने काफी तूल पकड़ा था. इसके बाद केंद्र सरकार ने भी इस मुद्दे को अमेरिका के सामने र पीएम नरेंद्र मोदी ने भी अपनी हालिया अमेरिकी यात्रा के दौरान डोनाल्ड ट्रंप के समक्ष भारतीय प्रवासियों की परेशानी को जाहिर किया था. ऐसे में लगता है कि अब अमेरिका ने इस पर गौर करना शुरू कर दिया है और इसीलिए अब तय हुआ है कि अमेरिका से अवैध भारतीयों को कोस्टा रिका भेजा जाएगा. विपक्ष की तरफ से यह मुद्दा जब संसद में उठाया गया था, तो विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जवाब देते हुए कहा था कि वे इस पूरे मामले को पूरी गंभीरता के साथ देख रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि यह उन्हीं उपायों का नतीजा है. भारत ने अमेरिका में कम से कम 18 हजार अवैध प्रवासियों को वापस लेने पर सहमति व्यक्त की है और वॉशिंगटन ने उन्हें सीधे भारत वापस भेजना शुरू कर दिया है.
कोस्टा रिका या अमेरिका ने यह नहीं बताया है कि कोस्टा रिका में हिरासत में लिए जाने के बाद प्रवासियों का क्या होगा. यह सौदा अमेरिका को निर्वासित किए जाने की प्रतीक्षा कर रहे प्रवासियों के लिए देश के अंदर बड़े पैमाने पर हिरासत केंद्र स्थापित करने और नकारात्मक दृष्टिकोण से बचने में मदद करेगा.
सेंट्रल अमेरिकी देश कोस्टा रिका ने अमेरिका से निर्वासित अवैध भारतीय प्रवासियों को स्वीकार करने पर सहमति व्यक्त की है. उन्हें कोस्टा रिका भेजने के बाद उनके भविष्य पर निर्णय लिया जाएगा. कोस्टा रिका के राष्ट्रपति रोड्रिगो चावेस रॉबल्स के कार्यालय ने घोषणा की है कि अमेरिका के फंडिंग प्रोग्राम के तहत बुधवार को निर्वासन शुरू होगा और प्रवासियों को पनामा की सीमा के पास एक अस्थायी केंद्र में हिरासत में रखा जाएगा.
राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा, “कोस्टा रिका सरकार ने 200 अवैध प्रवासियों को उनके देश में वापस भेजने में अमेरिका के साथ सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की है.” उन्होंने कहा कि निर्वासित लोगों में भारत और मध्य एशिया के लोग शामिल होंगे.
पिछले सप्ताह वाशिंगटन की अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत अमेरिका में मौजूद किसी भी सत्यापित भारतीय अवैध प्रवासी को वापस लेगा और कमजोर लोगों का शोषण करने वाले मानव तस्करों पर भी कार्रवाई करेगा.
कोस्टा रिका के साथ यह व्यवस्था, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अवैध प्रवास पर कार्रवाई के साथ सहयोग करने के लिए विदेश मंत्री मार्को रुबियो की यात्रा के बाद की गई. इसी तरह के सौदों के तहत, अल साल्वाडोर, पनामा और ग्वाटेमाला भी निर्वासित प्रवासियों को अपने देश में रख रहे हैं.
पिछले सप्ताह पाकिस्तान, अफगानिस्तान और चीन से अवैध प्रवासियों को पनामा भेजा गया था. ट्रंप प्रशासन ने ग्वांतानामो बे में एक हिरासत केंद्र भी स्थापित किया है. यहां अमेरिका पर 9/11 के अल-कायदा हमले में शामिल आतंकवादियों को रखा गया है.
गौरतलब है की बीती 15 फरवरी को 116 भारतीयों के साथ दूसरा विमान और फिर 16 फरवरी को 112 अवैध प्रवासियों को लेकर तीसरा विमान पंजाब के अमृतसर में उतरा. इससे पहले, पांच फरवरी को 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा था. इनमें से 33-33 हरियाणा और गुजरात से थे, जबकि 30 पंजाब से थे.
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