महामंडलेश्वर ज्योति गिरी समाज हित और लोक प्रेरणा के साथ निरंतर अग्रसर
भवन निर्माण का लक्ष्य और उद्देश्य संस्कृति और श्रद्धा की पाठशाला निर्मित करना
महाकाल की नगरी उज्जैन के हरियाणा सेवा आश्रम का भव्य भूमि पूजन सम्पन्न
गुरु परंपरा, सनातन संस्कृति और संतों की शिक्षा का संरक्षण और पाठशाला
हरियाणा सेवा सदन आश्रम में सर्व सुविधा संपन्न 14 कक्ष, भव्य हॉल का निर्माण
मुख्य लक्ष्य और उद्देश्य संस्कार , संस्कृति और श्रद्धा से भवन निर्मित करना
फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम/ उज्जैन। जननी, पिता, संत, सूरज, चंद्रमा, ऋषि मुनि, तपस्वी, सन्यासी, ब्रह्म ऋषि, गुरु और परमपिता परमेश्वर , इनमें कौन सर्वश्रेष्ठ कहा जाए? यह अभी भी एक जिज्ञासा ही माना जा सकता है। सीधे और सरल शब्दों में जिसके जीवन आदर्श और सब कार्य संपूर्ण ब्रह्मांड में प्रेरणा बने रहे, श्रेष्ठ कहलन का हकदार माना जाना चाहिए । वास्तव में ब्रह्मांड का अस्तित्व पांच तत्व से बताया गया है और इन्हीं पांच तत्व से मानव का निर्माण हुआ । मानव के जन्म के साथ-साथ उसके कर्म किए जाने के साथ-साथ पहचान भी अलग-अलग स्थापित हो चुकी है। इसी कड़ी में निश्चित रूप से जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर और श्री महाकालेश्वर कल्याण ट्रस्ट( बोहड़ाकला ) के अधिष्ठाता स्वामी ज्योति गिरी का नाम अनदेखा किया जाना संभव ही नहीं है।
आजीवन गौ सेवा और जीव कल्याण को समर्पित रहने के संकल्पित महामंडलेश्वर स्वामी ज्योति गिरी महाराज के द्वारा कुंभ नगरी और महाकाल का नगर कहलाने वाले विश्व विख्यात उज्जैन के नरसिंह घाट पर हरियाणा सेवा आश्रम में सभी देवी देवताओं का आह्वान करते हुए मंत्र उच्चारण के बीच संपूर्ण विधि विधान से भव्य और दिव्या भक्त आवास का भूमि पूजन किया गया। हालांकि यहां पर पहले से ही श्रद्धालुओं के लिए सर्व सुविधा संपन्न व्यवस्था है। फिर भी जिस प्रकार से सूर्य चंद्रमा प्रकृति गतिमान है। इस प्रकार से महामंडलेश्वर ज्योति गिरी महाराज भी समाज हित और लोक प्रेरणा के कार्यों को लेकर अपने संकल्प के साथ दूसरों के लिए मार्गदर्शन का पाथ तैयार करते चले जा रहे हैं । यहां हरियाणा सेवा सदन आश्रम परिसर में प्रकांड विद्वान साधु संतों एवं आचार्य की मौजूदगी में देवभूमि पर महामंडलेश्वर ज्योति गिरी महाराज ने कहा जिस भूमि पर गुरुकृपा की दिव्य दृष्टि के साथ किसी भी भवन की नींव रखी जाती है । इस प्रकार के प्रत्येक भवन का निर्माण केवल ईंट-गारे से नहीं, बल्कि इसका लक्ष्य और उद्देश्य संस्कृति और श्रद्धा से भवन निर्मित करना ही होता है ।
जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी ज्योति गिरी महाराज ने उपस्थित सभी श्रद्धालुओं के बीच कहा कि यह भक्त निवास केवल रुकने का स्थान नहीं होगा, यह एक “संस्कार निर्माण करने का केंद्र” होगा । जहां आने वाले भक्तों को सनातन परंपरा, सेवा और साधना का अनुभव प्राप्त होगा। स्वामी ज्योतिगिरी महाराज ने यह भी बताया कि वे अपने आश्रम में रहने वाले बच्चों को न केवल स्कूल की औपचारिक शिक्षा दे रहे हैं, बल्कि उन्हें गीता, वेद, उपनिषद, योग और ध्यान जैसे विषयों से भी जोड़ रहे हैं। भारतीय सनातन संस्कृति ऋषि, मुनि -साधु, संतों, और निस्वार्थ सेवा की भावना को अनंत काल तक बनाए रखने के लिए आज की युवा पीढ़ी और ब्रह्मांड में पदार्पण करने वाले सभी शिशुओं को हमारी अपनी प्राचीन सनातन संस्कृति की शिक्षा गुरुकुल पद्धति के अनुरूप दिया जाना समय की जरूरत बनता जा रहा है । महंत कृष्णागिरी महाराज ने इस मौके पर बताया इस हरियाणा सेवा सदन आश्रम में सर्व सुविधा संपन्न 14 कक्षा और एक भव्य विशाल हॉल का निर्माण करवाया जाएगा इस मौके पर विशेष रूप से बाल योगी उमेश नाथ राज्यसभा सांसद महावीर नाथ महापौर कलावती यादव नगर उपाध्यक्ष जगदीश पांचाल विनोद लाला सहित अनेक प्रकांड विद्वान साधु संत अपना आशीर्वाद प्रदान करने के लिए उपस्थित रहे।
संसार में ज्ञान से बढ़कर कोई पवित्र वस्तु नहीं
करीब दो दशक तक पटौदी विधानसभा क्षेत्र के गांव बोहड़ाकला में महामंडलेश्वर ज्योति गिरी के द्वारा स्थित महाकाल मंदिर परिसर में जीव कल्याण के कार्य करने के साथ-साथ भारतीय सनातन संस्कृति में महत्वपूर्ण हवन यज्ञ की अलग जागने का काम करते हुए मानव और मेजबान जीवन के लिए भी विशेष सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई। ज्योति गिरी के मुताबिक “इस संसार में ज्ञान से बढ़कर कोई पवित्र वस्तु नहीं।” महामंडलेश्वर ज्योति गिरी मानते हैं कि यदि एक बालक को जीवन के प्रारंभ में ही धर्म, नीति और आत्मानुशासन की शिक्षा अवश्य दी जानी चाहिए । निश्चित रूप से वह बालक भविष्य में न केवल एक अच्छा विद्यार्थी, बल्कि एक आदर्श नागरिक और संस्कारी मानव राष्ट्रभक्ति और पितृ भक्त बनेगा ।
मानव से लेकर बेजुबान तक सेवा का बीजारोपण
अपने आशीर्वचन के समापन से पूर्व महाकालेश्वर ज्योति गिरी महाराज ने कहा”कर्म करना हमारा अधिकार है, फल की चिंता किए बिना निरंतर प्रयास ही सनातन मार्ग है।” महामंडलेश्वर ने हरियाणा सेवा आश्रम को एक ऐसा केंद्र बताया है जो न केवल भक्तों की सेवा करेगा, बल्कि सनातन संस्कृति के प्रचार-प्रसार और युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का कार्य भी करेगा। इसी कड़ी में महामंडलेश्वर स्वामी ज्योति गिरी महाराज के द्वारा बोहड़ाकला महाकाल मंदिर के निकट ही अपंग बेबस लाचार दुर्घटनाग्रस्त गोधन के लिए गौशाला का निर्माण करवाया गरीब बेसहाय जरूरतमंद लोगों के स्वास्थ्य लाभ के लिए जेएमके स्वास्थ्य संस्थान लोकार्पित किया पटौदी के ही गांव हेड़ाहेड़ी में अपंग लाचार बेबस अंधे गोधन के लिए गौशाला की दो दशक पहले स्थापना की। इसी कड़ी में उनके द्वारा कनीना बुचावास में एक विशाल गौशाला का भी निर्माण करवाया जा चुका है । जहां आज भी अनगिनत गो धन की सेवा निस्वार्थ भाव से की जा रही है । महामंडलेश्वर स्वामी ज्योति गिरी महाराज के और महाकाल के श्रद्धालु एवं अनुयाई उनके इस पुनीत प्रयास को “गुरुकृपा का प्रसाद” मानते हैं । अटूट श्रद्धा सहित विश्वास भी है कि ऐसे केंद्र राष्ट्र निर्माण में प्रकाशपुंज बनें रहेंगे।
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